Friday 1 September 2017

तोशाखाना - सरकारी तोहफों का निवास स्थान

   हमारे प्रधानमंत्री मोदी जब भी किसी विदेशी दौरे पर जाते हैं, तो उन्हें अक्सर वहाँ की सरकार द्वारा कोई स्मृति चिन्ह या उपहार भेंट किया जाता है। लेकिन क्या ये सभी उपहार मोदी जी के स्वंय के होते हैं। नहीं, ऐसा नहीं है। जब भी कोई मंत्री, राजनयिक या कोई अन्य अधिकारी विदेशी दौरे पर जाते हैं और वहाँ यदि उन्हें कोई उपहार मिलता है, तो ये लोग इसे रखते नहीं हैं। बल्कि ये सारे उपहार विदेश मंत्रालय के तोशाखाना में जमा होते हैं। इस तोशाखाने में गुलदान, चटाई, कांच के बाॅक्स जैसी साधारण वस्तुओं से लेकर आइपैड, सोने की कढ़ाई वाले गाउन जैसी कई कीमती वस्तुएँ भी जमा हैं। 
         ऐसा नहीं है कि कोई मंत्री या अधिकारी इसे कभी अपने पास रख नहीं सकते। वे इन प्राप्त वस्तुओं की कीमत चुकाकर अपने साथ ले जा सकते हैं। विदेश मंत्रालय के जून 1978 के गजट के अनुसार इन प्राप्त तोहफों की कीमत का आकलन भारतीय बाजार की कीमतों के आधार पर किया जाता है और इन कीमतों का आकलन विदेश मंत्रालय ही करता है।
            जनवरी 2017 से लेकर मार्च 2017 तक अभी कुल 83 वस्तुएँ इस तोशाखाना में जमा हुयी हैं। जिसमें  आइफोन-7, वुलेन मफलर, कलाई घड़ी, सिल्वर कलर प्लेट, कालीन और ऐसी ही बहुत सी चीजें हैं। इसमें सबसे ज्यादा वस्तुएँ वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सितारमन ने जमा की हैं। इनके द्वारा इस बीच जमा की गयी कुल वस्तुओं की संख्या 17 है। इन्होंने एक टी पाॅट सेट, शैम्पेन ग्लासेस, एक baby doll (cloth), तीन wooden doll, एक पेन ड्राईव, एक पेंटिंग जैसी वस्तुएँ जमा कर के तोशाखाने की शोभा बढ़ाई है।
            इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसे तोशाखाने में एक Mont blanc ball point pen, एक मूर्ति (Argillite Carving), एक Malachite Stone वाला फूलों का हार जैसी वस्तुएँ जमा की हैं। जबकि विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने इस तोशाखाने में एक कैंडल स्टैंड, एक काॅफी सेट, एक गणेश जी की मूर्ति व एक टी सेट जमा किया है।

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