दुनिया में तरह-तरह की विचित्रतायें मौजूद हैं। इनमें से कुछ वस्तुयें हैं, तो कुछ जगहें हैं या फिर कुछ लोग। हमारे भारत में भी बहुत सी विचित्र जगहें हैं। इन्हीं में से एक है केरल का कोडिन्ही गाँव। मलप्पुरम जिले में स्थित इस गाँव को जुड़वों का गाँव (Twin Town) के नाम से जाना जाता है। यदि हम यहाँ जायें तो हमें चारों ओर जुड़वे ही दिखायी देंगे। सोचिये इनके घर वालों को कितनी परेशानी होती होगी। कभी ऐसा भी हुआ हो कि गलती किसी और ने की हो और डाँट कोई और खाया हो। खैर वहाँ के लोगों को इसकी आदत भी हो गयी होगी। भारत में जहाँ जुड़वे बच्चे पैदा होने का औसत बहुत ही कम है, वहीं इस गाँव में हर 1000 बच्चे पर 45 जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। जुड़वा बच्चे पैदा होने का यह औसत एशिया में पहले नम्बर पर आता है, जबकि विश्व में दूसरे नम्बर पर। विश्व में पहले नम्बर पर नाइज़ीरिया का इग्बो-ओरा है, जहाँ जुड़वा बच्चे पैदा होने का औसत 145 के आस-पास है।
इस गाँव की आबादी 2000 के करीब है और यहाँ पर अधिकतम मुस्लिम समुदाय के लोग ही रहते हैं। कोडिन्ही गाँव के स्थानीय लोगों के अनुसार यहाँ सबसे पुराने जुड़वा बच्चे 1949 में पैदा हुये थे। पहले तो जुड़वा बच्चे पैदा होने का यह सिलसिला बहुत धीमा था, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें वृद्धि आयी है। पिछले 10 सालों में यहाँ जुड़वा बच्चे पहले के दोगुने हो गये हैं। यहाँ तो 79 जुड़वा जोड़े केवल 0-10 साल के बीच हैं। जुड़वों के बारे में अध्ययन करने के लिए सरकार ने इस गाँव में एक डाॅक्टर भी नियुक्त किया है, जिनका नाम कृष्णन श्री बीजू है। कोडिन्ही में जुड़वा लोगों के 220 जोड़े गाँव में officially registered हैं। जबकि डाॅक्टर श्री बीजू के अनुसार इन जोड़ों की संख्या 300-350 है। यहाँ तो दो जोड़े ऐसे भी हैं जो कि तुड़वा (triplets) हैं। पिछले कुछ सालों में यह गाँव बहुत ही चर्चित हो चुका है। विदेशों से भी कई लोग इसे देखने व यहाँ पर शोध करने के लिये आते हैं। कुछ डाॅक्टरों का यह मानना है कि इस गाँव के खान-पान के चलते यहाँ जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं, जबकि यहाँ का खान-पान केरल के बाकी इलाकों से कोई खास अलग नहीं है। इसलिए डाॅक्टरों का यह तर्क सही नहीं लगता। अभी तक जुड़वा बच्चे पैदा होने का कोई ठोस कारण नहीं पता चल सका है। क्योंकि जिन औरतों की शादी कोडिन्ही के बाहर होती है और आदमी जो दूसरे गाँव की औरतों से शादी करते हैं, ऐसी औरतें भी जुड़वा बच्चों को जन्म देती हैं। अब पता नहीं वो क्या वजह है, जिसके कारण ऐसा हो रहा है। अब इसका पता तो इस पर होने वाले बाकी शोधों के परिणामों से ही पता चलेगा।
जो भी हो इस गाँव के लोग अपनी इस खासियत के कारण आकर्षण का केंद्र तो बन ही गये हैं और बने भी क्यों नहीं उनमें ऐसी बात ही है, जो उनको बाकीयों से अलग करती है।
जो भी हो इस गाँव के लोग अपनी इस खासियत के कारण आकर्षण का केंद्र तो बन ही गये हैं और बने भी क्यों नहीं उनमें ऐसी बात ही है, जो उनको बाकीयों से अलग करती है।
(Photo- Niklas Halle'n)