Thursday, 10 November 2016

भ्रष्टाचारियों पर घोर प्रहार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैसे ही 500 व 1000 के नोटों के बंद होने की घोषणा की, वैसे ही घंटे भर के भीतर पूरे देश में हलचल मच गयी। बेशक इन नोटों को बंद करने का यह फैसला ऐतिहासिक है व पूरी तरह से सार्थक भी। इसे बंद करके उन्होंने काले धन, नकली नोटों के व्यापार व आतंकवाद जैसी ही कई अन्य गतिविधियों पर घोर प्रहार किया है, जो अभी तक हमारी अर्थव्यवस्था को क्षति पहुँचा रहे थे। देश के अधिकतर लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है, सिवाय उनके जिनके पास कालाधन है या जो आर्थिक नीतियों को ठीक से नहीं समझते हैं। ये लोग बिना सोचे समझे कुछ भी बोलते रहते हैं। यह खबर मिलने के बाद तो भ्रष्ट नेताओं व अधिकारियों के रातों की नींद ही उड़ गयी होगी। अब इनको अपनी जमापूँजी को नष्ट ही करना होगा। यदि वे इसे बैंक में जमा करते हैं, तो उन्हें इस पर 30 प्रतिशत टैक्स के अलावा 200 प्रतिशत पेनाल्टी भी देनी पड़ेगी और जो जेल होगी सो अलग। कुछ लोगों का यह कहना है कि इससे गरीब किसानों व दुकानदारों को नुकसान होगा और आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनकी यह बात भी सही है। कल से बाजार बिल्कुल बंद पड़ा हुआ है और बहुत से लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं, मैं इस बात से पूर्ण रूप से सहमत हूँ। लेकिन दूसरी तरफ यह बात भी बिल्कुल सत्य है कि बीमारी को खत्म करने के लिये थोड़ा कष्ट तो सहना ही पड़ता है। यदि सरकार के इस निर्णायक कदम में हम उनका साथ दें, तो हमें ही फायदा होने वाला है। हमें कुछ दिनों की परेशानी को स्वीकार्य करना चाहिये।
      इसके पहले भी सरकार ने इन भ्रष्टाचारियों को आय घोषणा योजना (IDS) के तहत एक मौका दिया था कि 30 सितंबर तक अपनी सारी संम्पत्ति की घोषणा कर दें। IDS में करीब 66 हजार करोड़ रूपये की अघोषित आय सामने आयी थी, जबकि कालाधन इसके कई गुना है।  सरकार ने यह भी कहा था कि जिन लोगों ने अभी तक काले धन की घोषणा नहीं की है वह दंड भुगतने के लिए तैयार रहें। लेकिन कुछ महान लोगों ने इसे मजाक में लिया और सोचा कि सरकार कहाँ-कहाँ रेड डालेगी। लेकिन सरकार ने तो एक ही बार, एक ही समय में भ्रष्टाचारियों के घरों में रेड डाल दी। इन सब के अलावा कुछ बातें ऐसी भी हैं, जो थोड़ा अजीब लग रही हैं। जैसे की 1000 की जगह 2000 के नोटों को लाना। जिसकी वजह से धन इकट्ठा करने में और भी आसानी होगी। लेकिन ये आगे की बात है। फिलहाल कुछ समय तक तो काले धन पर रोक लगेगी ही। जहाँ तक नकली नोटों के कारोबार की बात है, रिजर्व बैंक के अनुसार नए नोटों में ऐसे सुरक्षा फीचर्स हैं, जिसकी वजह से नकली नोट छापना आसान नहीं  होगा। हालांकि इस फैसले के बाद भी पूरी तरह से काले धन पर लागाम नहीं लगा है, क्योंकि बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने यह काला धन भारतीय मुद्रा में नहीं बल्कि स्विस बैंक के खातों में जमा किया है। फिर भी इसके बावजूद काला धन का वो हिस्सा जो मुद्रा में है, या तो नष्ट हो जायेगा या फिर सरकार के पास आयेगा। ये वही रकम है, जिसका उपयोग राजनीतिक पार्टियाँ चुनाव के दौरान करती हैं व जिसके जरिये आतंकवादी देश में आतंकवाद फैलाते हैं।